शेखा अल्महेरी, +971552288228
वर्ल्ड ग्रीन इकॉनॉमी ऑर्गनाइज़ेशन (WGEO) के चेयरमैन, महामहिम सईद मोहम्मद अल ताएर ने दुबई में WEGO द्वारा आयोजित 11वें वर्ल्ड इकॉनॉमी सम्मेलन के दौरान उच्च-स्तरीय गोलमेज़ सभा का उद्घाटन भाषण दिया।
‘2030 तक और उसके बाद जलवायु से संबंधित महत्त्वकांक्षा को पूरा करना – हरित परिवर्तन के लिए संयुक्त कार्रवाई’ विषय पर आधारित इस सेशन का मकसद जलवायु से जुड़ी महत्त्वकांक्षाओं को पूरा करने की यात्रा को आगे बढ़ाना और इको-फ़्रेंडली विकास के साथ नीतियों, फ़ाइनेंस और इनोवेशन के बीच ताल-मेल बिठाने से संबंधित चर्चा को बढ़ावा देना था। इस सत्र में यूएई की जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण मंत्री, महामहिम डॉ. आमना बिन्त अब्दुल्लाह अल दहाक; जॉर्डन के पर्यावरण मंत्री, महामहिम डॉ. ऐमन सुलेमान; मोल्दोवा के ऊर्जा मंत्री, महामहिम डोरिन जूंग्येटू; मालदीव के पर्यटन और पर्यावरण राज्य मंत्री, महामहिम डॉ. मुआवियाथ मोहम्मद; कोमोरोस के पर्यावरण मंत्री और पर्यटन प्रभारी, महामहिम अबूबकर बेन महमूद; केन्या के ऊर्जा व पेट्रोलियम केबिनेट सचिव, माननीय जेम्स ओपियो वानडायी MGH; अंगोला के पर्यटन विभाग के राज्य सचिव, महामहिम लूरी वाल्टर दे सूसा सांतोस; आर्मेनिया के पर्यावरण मंत्री, महामहिम हम्बार्डज़म मातेवोसियन; मोज़ाम्बिक के कृषि, पर्यावरण और फ़िशरी विभाग के मंत्री, महामहिम रॉबर्टो मिटो अल्बीनो और, यूएई विदेश मामला मंत्रालय में ऊर्जा और सस्टेनेबिलिटी के विदेश मामलों के सहायक मंत्री, महामहिम अब्दुल्ला बलाला उपस्थित थे।
इस सत्र में Global Alliance on Green Economy के 91 सदस्य देशों के राजदूतों और प्रतिनिधियों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
अपने भाषण में, अल ताएर ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यूएई के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तथा दुबई के शासक, महामहिम शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की दूरदर्शिता से भरी लीडरशिप हर किसी के लिए इको-फ़्रेंडली, न्यायसंगत और समावेशितापूर्ण भविष्य का निरंतर समर्थन करती है।
“हमारा काम संकल्पों को नीतियों में, रणनीतियों को विस्तार किए जा सकने वाले प्रोजेक्ट्स में और प्रतिबद्धताओं को मापनीय प्रभाव में बदलना है। इसका मतलब है कि हमें मुश्किल सवालों का सामना करना होगा : हम नीतिगत, वित्तीय और संस्थागत बाधाओं को कैसे दूर कर सकते हैं? हम निजी फ़ाइनेंस के अवसरों की राह कैसे खोल सकते हैं और राष्ट्रीय निर्धारित अंशदानों की लीक पर मज़बूत सरकारी-निजी साझेदारियाँ कैसे बना सकते हैं? और हम कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि इनोवेशन सिर्फ़ तेज़ रफ़्तार न हो, बल्कि समावेशितापूर्ण भी हो – जिससे युवाओं, महिलाओं और कमज़ोर समुदायों को फ़ायदा हो सके? यह बदलाव स्वच्छ ऊर्जा और इनोवेशन से ही मुमकिन हो सकता है। हमें क्रांतिकारी तकनीकों में सहयोग और निवेश पर फ़ोकस करने के साथ-साथ रिन्यूएबल विकल्पों के इस्तेमाल में तेज़ी लानी होगी और ग्रीन फ़ाइनेंस का प्रवाह उन जगहों तक पहुँचाना होगा, जहाँ उसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरूत है, खास तौर पर दुनिया के दक्षिणी हिस्से में।” अल ताएर ने कहा।
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