नवीद जबरखैल,
APCO, अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिलेशन प्रमुख
फ़ाइनेंशियल सेक्टर कॉन्फ़रेंस (FSC 2023) का दूसरा आयोजन आज रियाध में शुरू हुआ, जिसमें दुनिया भर से आए 3000 से भी ज़्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। इस कॉन्फ़रेंस में “आशाजनक वित्तीय संभावनाओं” के विषय पर ग्लोबल फ़ाइनेंशियल कम्युनिटी के लिए आगे का रास्ता तय करने पर चर्चा की जाएगी।
कॉन्फ़रेंस में आए प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए सऊदी अरब के वित्त मंत्री माननीय श्री मोहम्मद अल-जदान ने कहा: “मुझे इस बात पर पूरा भरोसा है कि यह कॉन्फ़रेंस ग्लोबल इकॉनमी की चुनौतियों से निपटने और मौकों का फ़ायदा उठाने के लिए अनुभव बटोरने और विचार साझा करने का एक बढ़िया अवसर साबित होगा—इससे ग्लोबल फ़ाइनेंशियल सेक्टर को न सिर्फ़ ज़्यादा सशक्त और असरदार बनाया जा सकेगा, बल्कि उसकी उबरने की क्षमता को भी बढ़ाया जा सकेगा।”
कॉन्फ़रेंस की शुरुआत सशक्त पैनल चर्चा के साथ हुई, जिसमें आर्थिक मोर्चे पर दुनिया भर में आने वाली चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए फ़ाइनेंशियल सेक्टर के लिए उपलब्ध रणनीतिक विकल्पों पर गौर किया गया। Credit Suisse Group AG के चेयरमैन एक्सेल लेहमैन ने दर्शकों को बताया: “एक बात तो साफ़ है कि पिछले 10 से 15 सालों के दौरान बड़े पैमाने पर हुए भू-राजनीतिक बदलावों के कारण हमने मिडल ईस्ट में नए आर्थिक मौके पैदा होते हुए देखे हैं, जो भारत और चीन जैसी जगहों के साथ-साथ नए सशक्त ग्लोबल सेंटर के रूप में उभर रहा है।”
सऊदी अरब में पैदा हो रहे मौकों पर टिप्पणी करते हुए State Street के चेयरमैन और CEO रोनाल्ड ओ’हैनले ने कहा: “यह निवेशकों के लिए वाकई बहुत आकर्षक समय है, क्योंकि यहाँ की अर्थव्यवस्था मज़बूत है और सरकार सुशिक्षित वर्कफ़ोर्स की मदद से बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। यहाँ ऊर्जा, रिन्यूएबल्स और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में साफ़ तौर पर निवेश के अवसर मौजूद हैं और उपभोक्ता अर्थव्यवस्था के बढ़ने पर निवेशकों को फ़ायदा होता ही है।”
सऊदी अरब के निवेश मंत्री माननीय इंजी. श्री खालिद अल फ़ालीह ने कहा: “हमने अभी Vision 2030 को अमल में लाने के लिए बस आधी ही दूरी तय की है। पूरी तरह से अमल में आने के बाद अर्थव्यवस्था तीन गुना बढ़ जाएगी। वैसे हम शेड्यूल से आगे चल रहे हैं, लेकिन हमें संतुष्ट होकर बैठना नहीं चाहिए। बदलती परिपाटी की सबसे बड़ी मिसाल यह है कि पहले हमें पूँजी के स्रोत के रूप में देखा जाता था, लेकिन आज यह सोच पूरी तरह बदल चुकी है। हम फ़ाइनेंशियल कम्युनिटी से आग्रह करते हैं कि वह अवसरों से अवगत रहे और हमारा लक्ष्य और भी ज़्यादा पूँजी व अंतरराष्ट्रीय भागीदारों का ध्यान खींचना है।”
Societe Generale के मार्केट एक्टिविटीज़ के सह-प्रमुख अलेक्सांद्रे फ़्ल्यूरी ने कॉन्फ़रेंस में कहा: “Vision 2030 एक बेजोड़ और कमाल की उपलब्धि है। लेकिन दुनिया ने अब तक ठीक से नहीं देखा है कि सऊदी अरब में आखिर हो क्या रहा है, लेकिन जल्द ही निवेशकों के पास यहाँ निवेश करने के अलावा कोई चारा नहीं रहेगा। दुनिया भर के निवेशकों को Vision 2030 का हिस्सा बनना होगा।”
दुनिया की आर्थिक स्थिति पर नज़र डालते हुए Morgan Stanley के ग्लोबल चीफ़ इकॉनमिस्ट, सेथ कारपेंटर ने कहा, “एशिया को लेकर Morgan Stanley का रवैया बेहद सकारात्मक है, खास तौर से चीन, जापान, भारत और सऊदी अरब के मामले में। यूरोप और अमेरिका में विकास की रफ़्तार सबसे धीमी है, हालाँकि आर्थिक मोर्चे पर उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा है। केंद्रीय बैंकों के सामने एक बड़ा सवाल यह है कि महँगाई को कम करने के लिए आपको अपनी ब्याज की दरों को कितना बढ़ाना होगा। साथ ही, उन्हें इसका सटीक अंदाज़ा भी लगाना होगा कि आपको अपनी रफ़्तार कितनी कम करनी होगी जिससे मंदी न आए।”