DCO
अहमद बायूनी
डिजिटल कोऑपरेशन ऑर्गनाइज़ेशन (DCO) ने 22-23 सितंबर, 2024 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित 'भविष्य के शिखर सम्मेलन' में अपनी भागीदारी संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च-स्तरीय सप्ताह के पहले पूरी कर ली है। DCO की गतिविधियों ने समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बहु-हितधारक डिजिटल सहयोग पर ज़ोर दिया, जो डिजिटल अर्थव्यवस्था के समावेशितापूर्ण और चिरस्थायी विकास में तेज़ी लाकर हर किसी को समृद्ध बनाने के संगठन के संकल्प के अनुरूप है।
22 सितंबर, 2024 को, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने "हर किसी को एक समावेशितापूर्ण, मुक्त, चिरस्थायी, निष्पक्ष, सुरक्षित डिजिटल भविष्य" देने के लक्ष्य के साथ 'ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट (GDC)' को मंज़ूरी दी। ‘भविष्य के सहमति-पत्र’ के हिस्से के रूप में मंज़ूर किया गया 'ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट,' सरकारों के लिए एक ऐसा ढाँचा तय करेगा, जिसके तहत वे “निजी क्षेत्र, सिविल सोसायटी, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, तकनीकी और अकादमिक समुदायों और अन्य सभी हितधारकों के साथ अपनी-अपनी भूमिकाओं और ज़िम्मेदारियों के दायरे में रहकर आपसी सहयोग के साथ काम कर सकेंगी और साझेदारियाँ कर सकेंगी।” GDC वार्ताओं की अगुवाई सह-सुगमकर्ताओं द्वारा की गई है, जो संयुक्त राष्ट्र में स्वीडन और ज़ाम्बिया के स्थायी प्रतिनिधि हैं।
GDC को मंज़ूरी मिलने के बाद, 'भविष्य के शिखर सम्मेलन' में DCO की महासचिव दीमाह अलयाहया ने संगठन के गठन के बाद पहली बार एक पर्यवेक्षक के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए बहुपक्षीय सहयोग का आह्वान किया और इसे समावेशितापूर्ण और चिरस्थायी वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था की राह पर आगे बढ़ाने वाली प्रेरक शक्ति बताया।
DCO की महासचिव दीमाह अलयाहया ने कहा: “सहयोग डिजिटल समृद्धि का मुख्य प्रेरक है और हम ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट की मंज़ूरी से बेहद खुश हैं, क्योंकि यह एक ऐसा महत्त्वपूर्ण ढाँचा है, जिसका लक्ष्य हर किसी को समावेशितापूर्ण, मुक्त और सुरक्षित डिजिटल भविष्य की सौगात देना है। GDC समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था के समावेशितापूर्ण और चिरस्थायी विकास की वास्तविक ज़रूरत को दर्शाता है।
'डिजिटल कोऑपरेशन ऑर्गनाइज़ेशन', डिजिटल अर्थव्यवस्था में अंतरराष्ट्रीय, बहु-हितधारक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और हमने पूरी दुनिया में डिजिटल विभाजन को मिटाने के लिए, GDC के कार्यान्वयन में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया है।”
DCO की ओर से लॉन्च किए गए नए डिजिटल इकॉनॉमी नेविगेटर (DEN) का लक्ष्य, सोच-समझकर निर्णय लेने में हितधारकों की मदद करने और प्राथमिकता निर्धारित करने जैसे कामों में योगदान करके, DCO के सदस्य देशों और साझेदारों तक GDC का विस्तार करने में अहम भूमिका निभाना है। DCO की महासचिव दीमाह अलयाहया द्वारा “SDG डिजिटल” के दौरान घोषित किया DEN एक ऐसा विशिष्ट टूल है, जो डिजिटल अर्थव्यवस्था को परिपक्वता तक ले जाने वाले रास्तों को बेहतर ढंग से समझने, विकास के अवसर तलाशने, प्रगति का बेंचमार्क तय करने और डिजिटल अर्थव्यवस्था की परिपक्वता के क्षेत्र में मौजूद दूरियों को मिटाने में देशों की मदद करता है।
UNSG के प्रौद्योगिकी प्रतिनिधि, अमनदीप गिल ने अपनी टिप्पणी में कहा, “डिजिटल सहयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र के मित्र समूह की स्थापना के बाद और इस समूह के सदस्य देशों के साथ जुड़कर, DCO ने 'ग्लोबल डिजिटल कॉम्पैक्ट' को आकार देने में रचनात्मक भूमिका निभाई है। कॉम्पैक्ट समावेशितापूर्ण और चिरस्थायी डिजिटल भविष्य के लिए एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर होने के साथ-साथ एक विस्तृत ढाँचा भी है। मैं DCO के साथ जुड़े रहने की आशा करता हूँ। साथ मिलकर, हम डिजिटल प्रौद्योगिकी की ताकत का सदुपयोग करके, डिजिटल विभाजन को मिटाकर सतत विकास लक्ष्यों की ओर अपनी प्रगति को रफ़्तार दे सकते हैं।"
'भविष्य के शिखर सम्मेलन' की लीक पर, DCO ने संयुक्त राष्ट्र के न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में एक अतिरिक्त इवेंट का आयोजन किया जिसका शीर्षक था, ‘समृद्धि के लिए वैश्विक डिजिटल सहयोग को बढ़ावा देना।’
इस इवेंट ने डिजिटल सहयोग के अभिनव मॉडल्स तलाशने और डिजिटल समृद्धि हासिल करने के लिए अमल में लाए जा सकने वाले समाधानों का प्रदर्शन करने के लिए एक बहु-हितधारक मंच प्रदान किया।
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