हुसैन अल मुल्ला
शारजाह ने मिडिल ईस्ट और उत्तर अफ़्रीका के क्षेत्र में पहली बार 18वें विश्व सम्मेलन 2025 “हम समावेशी हैं” का आयोजन किया। यह आयोजन सुप्रीम काउंसिल के सदस्य और शारजाह के शासक, महामहिम शेख डॉ. सुलतान बिन मोहम्मद अल कासिमी के संरक्षण और उनकी उपस्थिति में किया गया।
यह इवेंट 15 से 17 सितंबर तक, शारजाह के एक्सपो सेंटर में आयोजित किया गया और इसका आयोजन शारजाह सरकार के मीडिया ब्यूरो की रणनीतिक साझेदारी की सहायता से शारजाह सिटी फ़ॉर ह्यूमैनिटेरियन सर्विसेज़ (SCHS) और इन्क्लूज़न इंटरनेशनल द्वारा किया गया। इस सम्मेलन में 74 देशों के 160 संगठनों से संबंधित 152 वक्ताओं ने हिस्सा लिया, जिनमें सेल्फ़-एड्वोकेट्स, परिवार, विशेषज्ञ और नीतिनिर्माता शामिल थे। इस सम्मेलन में 59 सत्र और कुल 600 प्रतिभागी थे।
इस इवेंट के दौरान, इनक्लूज़न इंटरनेशनल ने शारजाह सिटी फ़ॉर ह्यूमैनिटेरियन सर्विसेज़ की चेयरपर्सन शेखा जमीला बिंत मोहम्मद अल कासिमी को बौद्धिक विगलांगता से जूझ रहे लोगों के सशक्तिकरण और समाज में उनके परिवारों के अधिकारों और भूमिकाओं को मज़बूत बनाने के लिए विश्व स्तर पर चलाई जा रही मुहिम में उनके अहम योगदानों के सम्मान में एक मानद आजीवन सदस्यता से पुरस्कृत किया।
यह पुरस्कार बौद्धिक विकलांगता से जूझ रहे लोगों और उनके परिवारों के अधिकारों की वकालत करने के लिए समर्पित, दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क द्वारा दिया जाने वाला विशिष्ट अंतरराष्ट्रीय सम्मान है। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मान से शेखा जमीला अल कासिमी अब दुनिया के ऐसे जाने-माने लोगों में शामिल हो गई हैं, जिनके योगदानों से अंतरराष्ट्रीय मंच पर बौद्धिक विकलांगताओं से जूझ रहे लोगों की सुरक्षा, सशक्तिकरण और समावेशन को काफ़ी बढ़ावा मिला है।
शेखा जमीला अल कासिमी ने कहा कि इनक्लूज़न इंटरनेशनल द्वारा भेंट की गई यह मानद आजीवन सदस्यता, शारजाह के महामहिम शासक की अगुवाई में आगे बढ़ रहे शारजाह अमीरात के लिए एक विशिष्ट सम्मान है, क्योंकि महामहिम की दूरदर्शिता से भरे नेतृत्व ने हमें मानव-कल्याण के लिए एक ऐसा ढाँचा प्रदान किया है, जिसकी बुनियाद न्याय पर टिकी हुई है और जहाँ विकलांगजन के अधिकारों और कल्याण को हमेशा प्राथमिकता दी जाती है।
उन्होंने ज़ोर देते हुए आगे कहा कि यह सम्मान SCHS की चिरस्थायी विरासत का सबूत है, जो अपनी स्थापना के समय से ही समावेश का प्रेरणास्रोत रहा है। यह विशेष ज्ञान और सेवाएँ देने वाला एक अग्रणी संस्थान है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग व साझेदारियों का एक प्रमुख प्रेरक है।
इन्क्लूज़न इंटरनेशनल की प्रमुख, स्यू स्वेनसन ने बौद्धिक विकलांगता से जूझ रहे लोगों की देखभाल और सशक्तिकरण के लिए पेश किए गए एक प्रेरक मॉडल के लिए शारजाह की सराहना की। उन्होंने कहा : “अमीरात ने दिखा दिया है कि समावेशितापूर्ण नीतियों में निवेश करने से समुदायों को सशक्त बनाकर लोगों और परिवारों के जीवन पर सकारात्मक असर डाला जा सकता है। यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ज़्यादा समावेशितापूर्ण भविष्य को आकार देने वाले एक प्रमुख साझेदार के तौर पर शारजाह की भूमिका को रेखांकित करता है।”
यह सम्मेलन हर चार साल में किसी न किसी सदस्य देश में आयोजित किया जाता है। इस बार शारजाह में आयोजित किया गया सम्मेलन इन्क्लूज़न इंटरनेशनल के सिद्धांतों पर शारजाह की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ये सिद्धांत हैं : समावेशितापूर्ण शिक्षा, समुदायों का समावेश, सशक्तिकरण, समानता और अधिकारों की सुरक्षा। इन सिद्धांतों को व्यावहारिक प्रोग्रामों और नीतियों में बदल दिया गया है, जिन्हें पिछले दशकों के दौरान काफ़ी सफलता मिली है।
उद्घाटन समारोह कई प्रमुख अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की मौजूदगी में हुआ, जिनमें बहरीन पैरालिम्पिक कमिटी के प्रेसिडेंट, शेख मोहम्मद बिन दुएज अल खलीफ़ा; इन्क्लूज़न इंटरनेशनल के एक्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर, जेमी कुक, इनक्लूज़न इंटरनेशनल MENA के प्रेसिडेंट, हाशेम तकी और हायर काउंसिल फ़ॉर द राइट्स ऑफ़ पर्सन्स विथ डिसेबिलिटीज़ इन जॉर्डन के प्रेसिडेंट, महामहिम, प्रिंस मिरेद बिन राद बिन ज़ैद जैसी जानी-मानी हस्तियाँ शामिल थीं।
हुसैन अल मुल्ला