स्टीवन मैककॉम्बे
रास अल खैमाह गवर्नमेंट मीडिया ऑफ़िस
7,000 सालों का इतिहास समेटे रास अल खैमाह को यूएई का 'कुदरती अमीरात' कहा जाता है। आज रास अल खैमाह आर्थिक विकास के अभूतपूर्व दौर से गुज़र रहा है, जहाँ पर्यटन, रीयल एस्टेट और सस्टेनेबिलिटी इसके आधार स्तंभ हैं। इस बदलते इकोसिस्टम में, रास अल खैमाह आर्ट अमीरात की संस्कृति और कला का जश्न मनाने वाला एक मशहूर आयोजन बन चुका है।
यूएई की सुप्रीम काउंसिल के सदस्य और रास अल खैमाह के शासक महामहिम शेख सऊद बिन सक्र अल कासिमी के विज़न से प्रेरित इस महोत्सव का सपना अमीरात की कलात्मक प्रतिभा को दुनिया के सामने लाने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के मकसद से देखा गया था। साल 2013 में रास अल खैमाह नेशनल म्यूज़ियम में तीन दिवसीय प्रदर्शनी के रूप में शुरू हुआ रास अल खैमाह आर्ट, आज महीने भर चलने वाले वार्षिक इवेंट का रूप ले चुका है, जहाँ साल 2024 में 106 स्थानीय और 35 देशों के अंतरराष्ट्रीय कलाकार तथा 45,000 आगंतुक इसमें शामिल होंगे।
विज़न और टीमवर्क
अल कासिमी फ़ाउंडेशन और रास अल खैमाह आर्ट की आयोजक, डॉ. नताशा रिज ने इस आयोजन में छिपी संभावनाओं को बहुत पहले ही भाँप लिया था और उन्होंने इसके प्रचार-प्रसार के लिए सही जगहों की तलाश शुरू कर दी। फ़्रांस के ला गासिली में अपनी यात्रा के दौरान, उन्हें एक ऐसा गाँव दिखाई दिया, जिसे पूरी तरह से आउटडोर आर्ट गैलरी में बदल दिया गया था। उसी से प्रेरित होकर उन्हें रास अल खैमाह आर्ट के लिए एक खास जगह को चुना: “मुझे बिलकुल सही जगह मालूम थी।”
यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में मौजूद अल जज़ीरा अल हामरा हेरिटेज विलेज, यूएई का आखिरी बचा हुआ एक ऐसा गाँव है, जहाँ के लोगों का पेशा आज भी समंदर से मोती चुनना है और जो यहाँ की सदियों की वास्तुकला, व्यापार और संस्कृति को दर्शाता है। इसके दायरे में एक किला, कुछ वॉचटावर, एक मस्जिद, मार्केट और परंपरागत आवास मौजूद हैं। पत्थरों से बने गलियारों की भूल-भुलैया इस जगह की खास पहचान तो हैं ही, लेकिन आज रास अल खैमाह आर्ट के कारण इसे एक नई पहचान मिली है।
डॉ. रिज कहती हैं, “यह सिर्फ़ एक कला महोत्सव नहीं है, बल्कि एक ऐतिहासिक स्थल भी है, जिसके कारण बहुत सारे लोग इसकी तरफ़ खिंचे चले आते हैं।”
रास अल खैमाह आर्ट प्रदर्शनी में कला और कौशल का दायरा काफ़ी विस्तृत हो चुका है और इसमें वर्कशॉप और फ़िल्म की स्क्रीनिंग से लेकर लाइव परफ़ॉर्मेंस और आर्ट एक्स्प्लोरेशन प्रोग्राम तक कई तरह की कलात्मक अभिव्यक्तियाँ शामिल हैं। डॉ. रिज कहती हैं, “पिछले साल 1000 छात्रों ने वर्कशॉप और टूर में हिस्सा लिया था। अपने युवाओं को इतिहास और संस्कृति से जोड़कर, हम कला के प्रति एक सस्टेनेबल नज़रिया अपनाते हैं।”
अंतरराष्ट्रीय संपर्क विकसित करना
रास अल खैमाह आर्ट सही मायनों में रास अल खैमाह को एक सांस्कृतिक गंतव्य के तौर पर बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रहा है। स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय कलाकारों को एक मंच देकर, रास अल खैमाह आर्ट यूएई की सांस्कृतिक और आर्थिक तरक्की में भी योगदान करता है।
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