सारा अल करौत
यूएई के AI मंत्री ने कहा, ‘सरकारों को AI प्रणालियों को नियंत्रित करने की कोशिश छोड़कर उनके सही इस्तेमाल को नियंत्रित करने पर फ़ोकस करना चाहिए।’
बुधवार को यूएई के AI मंत्री ने दुनिया के देशों से आह्वान करते हुए उनसे AI गवर्नेंस पर आम सहमति बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा पेरिस समझौते के मुकाबले ज़्यादा जल्दी हो जाना चाहिए, क्योंकि उसे आकार लेने और प्रभाव में आने में सालों लग गए थे।
यूएई के आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल इकॉनमी व रिमोट वर्क ऐप्लिकेशंस राज्य मंत्री माननीय श्री ओमर अल ओलामा ने जनरेटिव AI के विषय पर दुबई असेंबली में कहा कि दुनिया के देशों को AI को नियंत्रित करने के बिलकुल नए तरीके की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इस समय दुनिया भर में AI गवर्नेंस पर जो चर्चा चल रही है, उसका कोई भी नतीजा नहीं निकलने वाला है। तकनीक को नियंत्रित करने के बजाय, हमें उसके इस्तेमाल के तरीकों को नियंत्रित करना चाहिए।”
इस असेंबली के दौरान 2000 से भी ज़्यादा लोग उपस्थित थे, जिनमें Microsoft, Deloitte, PwC और IBM जैसी बड़ी तकनीकी कंपनियाँ भी शामिल थीं। Dubai Future Foundation ने टेक कंपनियों के एक नए एलायंस, यानी Dubai Generative AI Alliance को लॉन्च किया, जो उभरती तकनीकों को तेज़ी से अपनाने और दुनिया की सबसे उन्नत, कार्यकुशल और तकनीकी ज्ञान-संपन्न सरकारों में एक का गठन करने में मदद करेगा।
DFF के CEO, खलफ़ान बेलहूल ने कंपनियों और इनोवेटर्स से आग्रह किया कि वे इस एलायंस का हिस्सा बनें, जो AI, मेटावर्स और Web3 की ताकत का इस्तेमाल करके इनोवेटिव टेक्नॉलजी पायलट्स डेवलप करने पर फ़ोकस करेगा।
दुबई की सरकार ने ‘Dubai AI’ को भी लॉन्च किया, जो एक जनरेटिव AI-पावर्ड डिजिटल सिटी कंसियर्ज़ है। शहर भर में फैला हुआ यह डिजिटल प्लैटफ़ॉर्म निवासियों और आगंतुकों को स्वास्थ्य, व्यवसाय और शिक्षा से जुड़ी विस्तृत जानकारी और सेवाएँ देगा। असेंबली में यह बात रखी गई कि इसके चलते सरकारी सेवाओं में उल्लेखनीय बदलाव आएगा।
असेंबली में यह भी कहा गया कि जनरेटिव AI में उछाल आने की वजह से ग्लोबल बैंकिंग सेक्टर को किस तरह 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक का फ़ायदा हो सकता है।
इस ग्लोबल प्लैटफ़ॉर्म पर अंतरराष्ट्रीय टेक कॉर्पोरेशन और कंसल्टेंसी के विशेषज्ञों ने भी अपनी राय दी। PwC ने कहा कि जल्द ही कार्यस्थलों में भी बड़े पैमाने पर ऑटोमेशन का इस्तेमाल होने लगेगा, जहाँ मुमकिन है कि जनरेटिव AI रोज़मर्रा के काम निपटाएगा, जैसे कि यह ऑटोमैटिक रूप से फ़्लाइट बुक करने और रिपोर्ट जनरेट करने के काम निपटाएगा और यह स्थिति अगले 18-20 महीनों के अंदर ही देखने को मिलेगी।
Deloitte के अग्रणी डिजिटल एक्सपर्ट ने कहा कि न्यूक्लियर फ़्यूज़न, जलवायु संरक्षण और दवाओं की खोज कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जो मुख्य रूप से जनरेटिव AI द्वारा लाभान्वित होंगे और औद्योगिक और फ़ार्मास्यूटिकल क्षेत्र इस उभरती हुई तकनीक के हिसाब से तेज़ी से ढलने की योग्यता रखते हैं।
अमीरात के चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफ़िसर अदेल अल रेधा ने कहा कि नवंबर तक, एयरलाइन “केबिन क्रू के सदस्यों को जटिल मॉडल्स का प्रशिक्षण देकर उन्हें [जनरेटिव AI] का फ़ायदा उठाने में सशक्त बनाएगी।”
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